HINDI STORIES

                                                     


मुंह दिखाईby-sunita mishra

मेरे भैया की शादी हुई थी भाभी बहुत सुंदर थी वह अभी अभी आई थी और अपने कमरे में बैठी थी। मैंने अपनी बड़ी भाभी से कहा। भाभी मुझे छोटी भाभी को देखना है। तब भाभी ने कहा अभी तो नई नई दुल्हन आई है। मुंह दिखाई के पहले तो तुम भी नहीं देख पाओगे। हमारे यहां परंपरा है कि मुंह दिखाई के पहले कोई भी दुल्हन को नहीं देखेगा। पर मैं तो कल ही शहर चला जाऊंगा मेरी एग्जाम होने वाले हैं। जब मैं 6 दिनों के बाद लौट आऊंगा तब तक तो भाभी अपने घर चली जाएगी। मैंने बड़ी भाभी से रिक्वेस्ट की कि किसी तरह मुझे छोटी भाभी को दिखला दो। तब बड़ी भाभी ने कहा एक रास्ता है। मैंने पूछा क्या। भाभी बोली कि तुम एक औरत बन कर ही भाभी के कमरे में जा सकते हो।मैंने भाभी से कहा ठीक है तब बड़ी भाभी मुझे अपने कमरे में ले गई वहां उन्होंने मुझे ब्रा पेंटी पहनाई चेहरे पर हल्का सा मेकअप किया लिपस्टिक बिंदी सिंदूर लंबे बालों की विग लगाई और ज्वेलरी भी पहनाई। हाथों में चूड़ियां पहनाई नाखूनों में नेल पेंट लगाया। फिर मुझे अपनी गुलाबी कलर की साड़ी और ब्लाउज पहनाया। फिर भाभी ने मेरे चेहरे पर हल्का सा घूंघट कर दिया। तभी एक औरत कमरे में आई उसने बड़ी भाभी से पूछा यह कौन है। बड़ी भाभी बोली यह चाचा की लड़की है। यह छोटी भाभी के लिए कुछ लाई है, अब बड़ी भाभी मुझे लेकर छोटी भाभी के कमरे में गई छोटी भाभी लाल रंग की साड़ी में अपने बेड पर बैठी थी।बड़ी भाभी ने कमरा बंद कर लिया और दुल्हन से कहांIबहु देखो आज मैं तुम्हें क्या दिखाती हूं। इतना कहकर बड़ी भाभी ने मेरा घूंघट उठा दिया। मैं औरतों के गेट अप में था। अभी मुझे देख कर हंसने लगी और कहने लगी दुल्हन जरा देखो तुम्हारा छोटा देवर साड़ी ब्लाउज पहन कर आया है यह सुनकर दुल्हन ने अपना घूंघट उठा दिया बुरी तरह शर्म आ रहा था और मुझे भाभी पर गुस्सा आ रहा था। तभी भाभी बोली देखो देवर जी तुम्हारी छोटी भाभी ने घूंघट हटा दिया है अब तुम इनका चेहरा देख सकते हो। तब दोनों भाभियों ने मुझे आया की कोई बात नहीं यहां कोई तीसरा नहीं है। यह किसी को यह पता नहीं चलेगा कि तुम साड़ी ब्लाउज पहन कर आए हो। इस तरह से मैंने औरत के गेटअप में अपने भाभी की मुंह दिखाई की

नाच हिजड़ा नाच-नई क्रास ड्रेसिंगकहानी by-sunita mishra

दोस्तों मेरा नाम श्रवण है और पैसे से मैं एक फार्मासिस्ट हूं मैं लखनऊ के एक हॉस्पिटल में काम करता हूं और मेरी उम्र इस समय 32 साल है आज मैं आपको अपनी रियल क्रश ड्रेसिंग स्टोरी सुना रहा हूं। यह उस समय घटित हुई थी जब मैं पहली बार शादी के बाद ससुराल गया था।
मैं शादी के बाद अपनी पढ़ाई पूरी करने चला गया था और मेरी वाइफ अपने मायके में ही रहती थी। मेरे एक प्यारी साली थी जो कि मेरी वाइफ से छोटी थी। वाह बहुत ही हंसमुख और चुलबुली थी। वहां मेरी सर आज भी थी यानी मेरे साले की वाइफ। वह भी एक अच्छी महिला थी। अचानक मेरी वाइफ की तबीयत खराब हो गई इसलिए मुझे उसके लिए कुछ सामान पहुंचाने ससुराल जाना पड़ा। मेरे सास-ससुर दोनों किसी रिश्तेदारी में गए थे। इसलिए घर पर मैं छोटी साली मेरी वाइफ और मेरी सरहज थी।जब मैं वहां पर पहुंचा तो पता चला कि मेरी सरहज ने एक लड़के को जन्म दिया है। वाह अब 8 दिन का हो चुका था। जब मैं वहां पहुंचा तो हिजड़े नाच रहे थे, मैं भी ध्यान से उन हिजड़ो का नाच देखने लगा, साली ने मुझे बैठाया नाश्ता पानी दिया पर मेरा ज्यादातर ध्यान उन हिजड़ों के नाच गाने पर ही था। यह देखकर साली बोली जीजा जी बहुत ध्यान से देख रहे हो क्या बात है। मैंने कहा नहीं नहीं ऐसी कोई बात नहीं यह अच्छा नाच रहे हैं इसीलिए मैं देख रहा हूं। साली का दिया हुआ नाश्ता करते हुए नाच देखता रहा। जब हिजड़े नाच गा कर चले गए तब मैं अंदर गया। मेरी वाइफ काफी नाराज थी बोली तुम्हें इतना देर हो गया आए हुए अंदर तो आ नहीं सकते थे पता नहीं क्या नाच गाने में रखा था। मैंने कहा अब तो आ गया हूं ना क्या बात है बोलो। तुम तो हर बात पर गाल फुली लेती होiवाइफ बिना कुछ बोले प्लेट उठा कर अंदर चली गई। साली ने मेरा बिस्तर बगल वाले कमरे में लगा दिया। बोली जीजू अभी आप यहीं सो जाओ रात में उठकर दीदी के पास चले जाना। मैंने कहा तुम्हें भी मजाक करने की आदत छुटी नहीं। वह हंसते हुए बोली जीजा साली का रिश्ता तो ऐसा ही होता है कि मैं गलत बोल रही हूं क्या। मैंने कहा नहीं नहीं क्यों नहीं ऐसा रिश्ता ही है हमारा। मैं बैठकर टीवी देखने लगा रात के लगभग 9:00 बज चुके थे। साली खाना लेकर आ गई। मैंने बड़े आराम से खाना खाया बहुत ही स्वादिष्ट खाना बना था। पूछा खाना किसने बनाया साली ने बताया दीदी ने बनाया है। मैंने कहा अच्छा जरा अपनी दीदी यानी मेरी वाइफ को भेजना। अंदर गई और फिर वापस आकर बोली दीदी तो आपसे नाराज हैं, मैंने कहा वह क्यों क्यों नाराज हैं बताएं तो।मैं ऑलरेडी क्लीन शेव रहता हूं इसलिए कोई ज्यादा परेशानी नहीं हुई मुझे औरत बनाने में साली को। उसने मेरा चेहरे का मेकअप किया क्रीम पाउडर लिपस्टिक बिंदी लगाई, गले में मंगलसूत्र और मांग में सिंदूर लगाया। सरहद की ब्रा पेंटी ब्लाउज साड़ी सब पहनाया। वह पड़ोस से चूड़ियां लेकर आ गई , मुझे पहना दी, पैरों में पायल पहनाई। कुल मिलाकर मेरा एक औरत के रूप में ट्रांसफॉरमेशन कर दिया। वह एक और बैठकर ढोलक बजाने लगी और मोबाइल पर गाना लगा दिया। कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया। मुझे साली सरहज और अपनी वाइफ के सामने एक हिजड़े की तरह नाचना पड़ा। साली ने मेरे डांस का वीडियो भी बनाया। लगभग 2 घंटे तक में अलग-अलग गानों पर नाचती रहे। फिर मैंने कहा अब और मैं नहीं नाच सकती, घर में चारपाई पर लेट गई।मैं थक चुकी थी इसलिए मेरी आंख लग गई, अचानक मुझे महसूस हुआ कि कोई मेरे बिस्तर पर लेटा हुआ है, मैंने देखा मेरी वाइफ मुझसे चिपक कर लेती थी वह कह रही थी, मैंने तो मजाक मजाक में कहा था कि आप मुझे हिजड़े की तरह नाच कर दिखाओ मुझे यह नहीं पता था कि आप सच में साड़ी ब्लाउज पहनकर नाचेंगे, मैंने कहा तुम मेरी जान हो तुम्हारी नाराजगी तो मैं कभी बर्दाश्त ही नहीं कर सकता तुम्हारे लिए कुछ भी कर सकता हूं फिर यह साड़ी ब्लाउज पहन कर नाचना क्या चीज है, इस पर वाइफ की आंखों से आंसू गिरने लगे बोली आप मुझे इतना प्यार करते हो आज मुझे पता चला आगे से मैं कभी आपसे कोई जिद नहीं करूंगी, आपको औरतों की तरह नाचना पड़ा, तभी साली और सरहज आ गई बोली दीदी जान लो जीजू जैसा प्यार करने वाला कोई आपको और नहीं मिलेगा।तब से लेकर आज तक मेरी पत्नी और मैं प्यार से रहते हैं और कभी एक दूसरे पर गुस्सा नहीं करते पर वह दिन मेरी जिंदगी का एक यादगार दिन है जिसे मैं कभी भूल नहीं सकता(यह एक रियल कहानी है जो लखनऊ के एक फार्मासिस्ट द्वारा भेजी गई है इसे केवल शब्दों में रूपांतरित करने का काम सुनीता मिश्रा ने किया है

पुनीता -एक नौकरानी

पुनीत ने अभी अभी बीएससी का एग्जाम दिया था, उसने रेलवे में जॉब के लिए अप्लाई किया था और उसका कॉल लेटर आया था उसे एग्जाम के लिए लखनऊ जाना था लखनऊ में उसकी भाभी रहती थी इसलिए उसने निश्चय किया कि वह शाम को ही लखनऊ पहुंच जाएगा रात भर आराम करेगा और सुबह जाकर अपना एग्जाम देगा। पुनीत ने सुल्तानपुर से बस पकड़ी और शाम के 7:00 बजे घर से निकल पड़ा, लगभग 10:00 बजे वह लखनऊ के बस स्टॉप पर उतरा वहां से अपनी भाभी को फोन लगाया। वहां पता लगा कि भैया तो कानपुर गए हैं और भाभी भी साथ में गई हैं। पुनीत ने बताया कि वह एग्जाम देने लखनऊ आया है अगर घर से एक बार फोन कर लिया होता तो पता लग गया था पर अब क्या करूं इस पर भाभी ने कहा। ऊपर जो किराएदार रहते हैं उनके पास आगे वाले रूम की चाबी है

तुम वह चाबी लेकर आगे वाले गेस्ट रूम में रुक जाओ खाना तुम्हें ऊपर से मिल जाएगा तुम वहां आराम से अपनी तैयारी करो सुबह हम लोग लौट आएंगे एक फंक्शन में कानपुर आए हैं। पुनीत घर पहुंचा वहां ऊपर वाले किराएदार से गेस्ट रूम की चाबी ली उन्होंने पुनीत को खाना भी दिया पुनीत ने खाना खाया और गेस्ट रूम में बैठ गया। पुनीत घर से ज्यादा कपड़े नहीं लाया था। ठंड का मौसम था। एक तखत पड़ा था और साथ में एक गद्दा बिछा था एक कंबल ही था। रात के 11:00 बजे पुनीत को ज्यादा ठंड लगने लगी। उसने जो कपड़े पहन रखे थे उन्हीं को पहन कर उसे एग्जाम देने जाना था अगर रूम खुला होता तो वह भैया के कपड़े पहन लेता। तभी उसकी नजर सामने रखे हुए बैग पर पड़ी उसने खोलकर देखा तो उसमें कामवाली बाई के कपड़े साड़ी ब्लाउज पेटीकोट ब्रा पेंटी स्वेटर सब रखा हुआ था। ठंड के मारे से कुछ और नहीं सूझा उसने इन कपड़ों को पहनने का निर्णय किया इससे उसके अपने कपड़े भी नहीं खराब होंगे और ठंड भी नहीं लगेगी। फिर उसने अपने कपड़े उतार लिए और कामवाली बाई के पेटीकोट ब्रा साड़ी ब्लाउज सब पहन लिया। ब्लाउज की फिटिंग बनाने के लिए उसने ब्रा के अंदर एक दूसरी साड़ी को आधा-आधा मोड़कर भर लिया। बूब्स परफेक्ट आकार के हो गए। जब वह ब्रा पेंटी साड़ी ब्लाउज पहनकर खड़ा हुआ तो उसे अलग ही फीलिंग आ रही थी। उसने वहां रखा हुआ लेडीज कार्डिगन पहन लिया। पहली बार औरत के कपड़े पहने थे तो उसे बिल्कुल अजीब लग रहा था पर वह इन्हीं कपड़ों को पहनकर कंबल ओढ़ कर लेट गयाI

उसका मन पढ़ाई में बिल्कुल नहीं लग रहा था सो वह मोबाइल निकालकर उसमें क्रॉसड्रेसिंग के वीडियो देखने लगा। उसे बहुत अच्छा लग रहा था कुछ देर के बाद उसका ल* बिल्कुल टाइट हो गया, उसने अपने ल* को पेटीकोट के अंदर ही रगड़ना शुरू किया और लगभग आधे घंटे में ही उसका झड़ गया। अब उसका मन बिल्कुल शांत हो गया था वह किताब लेकर पढ़ने बैठ गया और रात भर औरत के कपड़ों में पढ़ता ही रहा पड़ता हीरा नींद बिल्कुल नहीं आ रही थी। पुनीत ने कामवाली बाई के कपड़े पहनकर रात बिताई और सुबह नहा धोकर नाश्ता करके एग्जाम देने चला गया इस प्रकार से पुनीत ने पहली बार क्रॉसड्रेसिंग का आनंद लिया।

सिलाई कढ़ाई वाली टीचर-5

अमिता काफी उलझन में थी कि कैसे वह दीदी के साथ फंक्शन में जाएगी औरत बनकर कोचिंग क्लास में जाना और लड़कियों को कहना अलग बात है लेकिन किसी फंक्शन को अटेंड करना उसमें औरतों के साथ उठना बैठना उनके जैसा काम करना यह कैसे संभव हो पाएगा यही अमिता सोच रही थी उसने सुबह उठते ही दीदी से कह दी दी, आप ही अकेले चली जाओ फंक्शन में मैं तो नहीं जाने वाली। दीदी ने कहा ऐसा नहीं हो सकता क्योंकि वह मकान मालिक की रिश्तेदार है और हमें उसके यहां काम करना पड़ेगा और तुम्हें कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। वैसे भी आज बसंत पंचमी है और कोचिंग बंद रहेगी। शाम को तुम्हें भी कहीं नहीं जाना है घर में बैठ कर बोर होगी इस से अच्छा है कि वहां ही चलो। अमिता बोली पर दीदी मैं वहां क्या करूंगी वहां तो सब औरतें ही होंगी सजी-धजी रहेंगी, वहां तो मैं पक्का पकड़ी जाऊंगी मेरी पोल खुल जाएगी अच्छा होगा आप ही जाओI

दीदी ने कहा देखो अमिताभ मैं जानती हूं कि तुम क्यों डर रही हो पर ऐसी कोई बात नहीं है जब तुम पूरी तरीके से डिस्टर्ब हो जाती हो मेकअप कर लेती हो तो कोई भी तुम्हें यह नहीं समझ सकता कि तुम एक और नहीं हो तुमने कोचिंग में देखा ही होगा किसी भी लड़की को शक नहीं हुआ कि तुम एक लड़के हो। विश्वास करो तुम चलो वहां इंजॉय ही करोगे। फिर मान लो अगर वहां मेरी तबीयत ही खराब हो गई तो मेरी सहायता कौन करेगा इसलिए भी तुम्हारा मेरे साथ चलना जरूरी है। ओहो दीदी आप भी मुझे आखिर फसाए देती हो चलो चलती हूं मैं आपके साथ। इसके बाद अमिता नहा धोकर तैयार होकर अपने पूरे शरीर पर लोशन लगाया बाल सारे खत्म कर लिए,दीदी बोली परेशान मत हो आज मैं तुम्हारा मेकअप कर दूंगी इतना अच्छा मेकअप करूंगी कि एक नई नवेली दुल्हन की बात लगोगे कोई भी तुमसे ना तो ज्यादा बात करेगा और ना ही ज्यादा परेशान करेगा काम भी नहीं करना पड़ेगा। तब दीदी ने अमिता का मेकअप शुरू किया उसके चेहरे पर फाउंडेशन क्रीम पाउडर लिपस्टिक बिंदी लगाकर मांग में सिंदूर भर दियाI

बसंत पंचमी थी सो दीदी ने हरे रंग की साड़ी, लाल रंग का ब्लाउज पहना कर अच्छी ज्वेलरी पहना दी, कुल मिलाकर से सिर तक ऐसा हो गया कि वा नई नवेली बहू लग रही थी। 12:00 बजने वाले थे फिर क्या था दीदी झटपट तैयार हो गई उसने अपनी दवा पर्स में रखी और अमिता को पर्स टांगने कोका अमिता ने कहा यह तो आपका है पर दीदी ने कहा सजी संवरी औरत तुमको इसलिए पास भी नई नवेली दुल्हनों को ही रखना चाहिए।तब अमिता ने वह सुना हरे कलर का पर्स कंधे पर टांग लिया और दीदी के साथ लहराती बलखाती हाई हील सैंडल पहन कर फंक्शन की तो चल पड़ी। एक बड़े से हाल में प्रोग्राम किया गया था एक और औरतें बैठी थी और एक और पुरुष बैठे थे।

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अमिता वहां पहुंची तुरंत भीड़ में से मैडम जी नमस्ते की आवाज आई शायद मैडम जी को किसी लड़की ने पहचान लिया था अमिता इधर उधर देख ही रही थी कि दो लड़कियां उधर से आई और अमिता के पैर छूकर बोली मैडम जी आप तो बहुत सुंदर लग रही हैं। ऐसी बात नहीं है बस नॉर्मल मेकअप कर लिया है, अमिता बोली। अमिता और दीदी दोनों एक कुर्सी पर बैठ गई उन्होंने मिठाईयां खाई नाश्ता किया और बाद में खाना भी खाया उसके बाद जब सब महिलाएं डांस वगैरह करने लगी तो दोनों लड़कियां आई और बोली मैडम जी आप भी चलिए ना डांस फ्लोर पर ना चाहते हुए भी अमिता को डांस फ्लोर पर लड़कियों के साथ जाकर डांस करना पड़ा,

अमिता डांस फ्लोर पर डांस कर रही थी तभी किसी लड़के ने पीछे से अंगूर का गुच्छा खींचकर मारा जो सीधे अमिता की बूब्स पर लगा, लड़कियां इधर-उधर देखने लगी कि गुच्छा किधर से आया पर अमिता मुस्कुरा रही थी वह सोच रही थी कि सभी लोग तो उसे वास्तव में ही औरत समझ रहे हैं। आधे घंटे तक डांस हो गया था होता रहा फिर , लगभग 6:00 बजे के आसपास दीदी ने कहा चलो घर चलते हैं, क्योंकि दीदी की तबीयत कुछ खराब हो रही थी पर वह घर के लिए निकल नहीं पाए उनके चक्कर आ रहे थे यह देखकर एक मेहमान जो भी डॉक्टर भी थे उठकर अमिता की didi के पास आए और उनका चेकअप किया, bole घबराने की कोई बात नहीं है ,कोई बीमारी भी नहीं है केवल कमजोरी है,फिर उन्होंने दीदी को दो इंजेक्शन दिए और खाने के लिए कुछ दवाएं दी आधे घंटे में ही दीदी बिल्कुल ठीक हो गई।एक लड़के ने दोनों को बाइक पर बैठाकर घर पर छोड़ दिया। बस 2 दिनों में ही didi बिल्कुल ठीक हो गई अब वह कोचिंग जाने लायक हो गई तब उन्होंने अमिता se कहा देखो, तुम्हारे सहयोग के लिए शुक्रिया अब तुमको औरतों का गेटअप नहीं लेना पड़ेगा मैं कोचिंग कल से जाऊंगी। जी शुक्रिया अमिता ने कहा इस तरीके से अमिता का औरत का रूप धारण करने का काम खत्म हो गया। पर अमिता की दीदी ने उसके कपड़े उठाकर बक्से में रख दिये, अब अमित हर शनिवार और रविवार को औरत के गेट अप मे अपने घर में रहता था और कामकाज में दीदी का हाथ बटाता था इस तरीके से अमिता की क्रासड्रेसिंग कहानी आगे बढ़ती रही। अब अमित का ग्रेजुएशन पूरा हो चुका है दीदी भी पढ़ाई पूरी कर दी है और उसकी शादी होने वाली है पर अभी तक दीदी ने अमित के अमिता बनने का राज किसी को नहीं बताया है। अमित अब भी जब अकेला होता है तब औरत bankar इंजॉय करता है, अब उसके पास पूरा एक वार्डरोब तैयार हो चुका है, जिसमें ढेर सारी इंडियन फीमेल ड्रेस और वेस्टर्न ड्रेस है मेकअप का पूरा सामान है और वह अपने crossdressing का भरपूर इंजॉय कर रहा है।
यह कहानी वास्तव में एक पाठक द्वारा भेजी गई है, कुछ परिवर्तन इसमें मनोरंजन के लिये कर दिए गए हैं।

………………….the end   

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