पार्वती-नही भूलेगी वो रात-
पवन और सुनील दोनों जिगरी दोस्त थे दोनों शहर में रहकर इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे दोनों के माता-पिता सामान्य परिवार से थे। गांव में रहते थे, पवन और सुनील अपने अपने घर से खाने पीने का सामान यानी गेहूं चावल यह सब ले आया करते थे शहर में बस सब्जी का खर्चा था और मकान का किराया इस स तरीके से दोनों अपनी पढ़ाई कर रहे थे। स्टूडेंट की लाइफ कैसी होती है यह तो हम सभी जानते हैं सादा खाना बस, वैसे भी बॉयज को खाना बनाने में अक्सर आलसी लगता है और वह दाल चावल या फिर खिचड़ी और कभी-कभी रोटी सब्जी बना लेते हैं। स्वादिष्ट घरेलू और चटपटा खाना तो उन्हें तभी नसीब होता है जब वह घर में रह जाते हैं। ऐसा ही दोनों दोस्तों के साथ भी हो रहा था दोनों बस अपनी नार पर लाइव चला रहे थे और पढ़ाई कर रहे थे।हुआ यूं कि पड़ोस में एक जगह शादी का पंडाल लगा हुआ था। और हलवाई स्वादिष्ट खाना बना रहा था मिठाईयां भी बना रहा था खुशबू उन दोनों के कमरे तक आ रही थी। पवन का मन था कि पंडाल में चल कर खाना खाया जाए और आज शाम का खाना बनाने का प्लान छोड़ दिया जाए।मिलने भी पवन का साथ दिया और कहा चलो आज खाना नहीं बनाते हैं और शादी में चल कर खा कर आ जाते हैं फिर उन दोनों दोस्तों ने, अपने अपने कपड़े प्रेस किए और नहा धोकर तैयार हो गए फिर पवन ने कहा अभी तो शाम के 8:00 बजे हैं खाना तो 9:00 बजे के बाद ही शुरू होगा क्योंकि दुल्हन का रिसेप्शन है, सुनील ने कहा ठीक है पर जब हम लोग तैयार हो गए गए हैं तो चलो एक राउंड घूम कर आते हैं देखते हैं क्या नजारा है वहां का, पवन और सुनील दोनों घूमते हुए पंडाल के पास पहुंच गए वहां जाकर देखा तो जितने भी लोग अंदर जा रहे हैं सबके कार्ड चेक किए जा रहे हैं।
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अब क्या करेंगे सुनील ने कहा पवन बोला परेशान मत हो हम जो खाना खाकर बाहर निकलेंगे उनमें से किसी एक से कार्ड मांग लेंगे और उसके बाद अंदर चले जाएंगे बहुत से लोग ऐसे हैं जो खाना खाने के बाद इतना तो उपकार कर ही देंगे कि हम भी अंदर जाकर खाना खा सके। कुछ देर में ही खाने का प्रोग्राम शुरू हो गया अंदर लोग जाकर खाना खाकर आ रहे थे सब के कार्ड कैट की पर चेक कर रहा था और उसके बाद उन्हें अंदर जाने दे रहा था पवन ने देखा कि बहुत से लोग इनविटेशन कार्ड लेकर ही बाहर आ रहे हैं। पवन तुरंत ही आगे बढ़ कर एक अंकल के पास गया और बोला अंकल जी अपना इनविटेशन कार्ड मुझे दे दीजिए मुझे उसका डिजाइन चेक करना है।
उस आदमी ने कहा बेटा मैं जानता हूं तुम इनविटेशन कार्ड लेकर अंदर जाकर खाना खाना चाहते हो मगर ऐसा कर नहीं सकोगे पवन की चोरी जैसे पकड़ी गई।उसने कहा अंकल ऐसी बात नहीं है इस पर वह आदमी बोला बेटा मैं तुम जैसे लोगों को अच्छी तरह जानता हूं मगर मगर इसमें कोई बुराई भी नहीं है जब मैं पढ़ाई करता था तो मैं भी जाकर शादी विवाह में खाना खाकर आ जाता था लेकिन यहां पर एक प्रॉब्लम है बेटा। पवन ने कहा वह क्या अंकलIआदमी ने कहा यहां केवल वही लोग एंट्री कर सकते हैं जो कपल्स हो यानी एक मेल और उसके साथ में एक ईमेल और अगर तुम्हारे साथ कोई दोस्त हो या तुम अकेले हो तब भी अंदर नहीं जा सकते हो क्योंकि वहां कपल्स को एलाऊ किया गया है यहां तक कि आप अपनी गर्लफ्रेंड को भी लेकर नहीं जा सकते हो। और हां दुल्हन के लिए गिफ्ट लेकर जाना भी वहां अनिवार्य है बिना गिफ्ट के तो अंदर जाओगे कि नहीं। खैर मैं कार्ड तुमको दे देता हूं इसलिए तुम्हारी हसरत बाकी ना रह जाए।पवन इनविटेशन कार्ड लेकर सुनील के पास पहुंचा और सारा माजरा का सुनाया सुनील मायूस हो गया उसने कहा यार इसी चक्कर में आज मैं मार्केट भी नहीं गया और घर में राशन भी ज्यादा नहीं है आटा तो बिल्कुल ही नहीं है अब चलो चावल ही उबालकर खाते हैं।दोनों वापस अपने रूम पर पहुंच कर वहां पर देखा कि मकान मालकिन दरवाजा बंद करके जा रही थी और उन्हीं का इंतजार कर रही थी। दोनों के पहुंचते ही बोली बेटा घर देखना मैं कल सुबह तक आऊंगी रिश्तेदारी में जा रही हूं जरूरी काम है और हां घर अंदर से बंद कर देना और छत पर जो कपड़े पड़े हैं उन्हें उठाकर नीचे कर देना मुझे जल्दी है नहीं तो मैं नीचे कर जाती। कोई बात नहीं आंटी आप जाइए मैं देख लेता हूं सुनील ने कहा। बुझे हुए मनसे सुनील और पवन दोनों ऊपर पहुंचे अंकल और आंटी जा चुके थे।पवन जब छत पर पहुंचा और लाइट जलाई तो उसने देखा की छत पर आंटी का ढेर सारा कपड़ा पहना हुआ था जिसने ब्रा पेंटी साड़ी ब्लाउज सब कुछ था और आंटी गलती से अपने अलमारी की चाबी भी छोड़ कर चली गई थी शायद वह ज्यादा ही जल्दी में थी
continue in next part………….
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