सिलाई कढ़ाई वाली टीचर–4
अमिता दवा लेने डॉक्टर के क्लीनिक चली गई वह डॉक्टर की बाइक पर पीछे बैठकर जा रही थी और डॉक्टर चलते चलते बाइक को ऐसे झटके दे रहा था जिससे अमिता के बूब्स डॉक्टर की पीठ में लड़ रहे थे, डॉक्टर को इससे काफी आनंद मिल रहा था और शायद अमिता को भी, क्योंकि उसे अब लग रहा था कि ऐसे ही मर्द लोग लड़कियों को झटके देकर गाड़ी चलाते हैं और उनके बूब्स को अपने पीठ पर टकराने का आनंद लेते हैं। एक अलग किस्म के एहसास से अमिता मुस्कुराओ उठी। डॉक्टर ने दीदी के लिए दवा लिखी और अमिता दवा लेकर घर आ गई। अपने दीदी को दबा दी और दीदी सो गई अमिता आगे की तैयारी कर रही थी। आज उसे लड़कियों की कोचिंग में साड़ी में फाल लगाना सिखाना था। दीदी की तबीयत चुकी खराब थी इसलिए अमिता ने दीदी को डिस्टर्ब नहीं किया I
उसने एक लाल रंग की नई साड़ी निकाली बाजार से फाल खरीद कर जो लाई थी उसे लगाने लगी। पूरी फाल लगाने के बाद अमिता को पता लग गया कि लड़कियों को कैसे कैसे बताना है फाल लगाने के बारे में। इसके बाद अमिता ने घर के काम निपटाए और समय होने पर कोचिंग के लिए तैयार होने लगी। अमिता ने वही लाल रंग वाली साड़ी पहनी जिसमें फाल लगाया था। और मैचिंग ब्लाउज पहन लिया हाथों में लाल चूड़ियां पहन ली। हेयर विग लगाकर मांग में सिंदूर डाल दिया नाक में नाक की कील पहन ली। झुमकी वह पहले all time पहनी रहती थी। हल्का सा मेकअप करके वह बिल्कुल तैयार हो गई। उसने अपना पर्स उठाया और अंदर का दरवाजा बंद करने के बाद जब ,चाबी दीदी के पास टेबल पर रखने गई तो दीदी ने अचानक आंखें खोल दीI
दीदी ने कहा अमिता तैयार तो तुम बिल्कुल औरतों की तरह ही हुई हो और देखने में भी अच्छी लग रही हो लेकिन एक चीज तुम भूल गई शायद, अभी जब घर जाओगे अभी जब कोचिंग जाओगी तो सब लड़कियां तुम्हें इसके लिए कहेंगी। वह क्या दीदी क्या भूल गई हूं मैं। दीदी बोली सब कुछ तुमने किया पर बिंदी लगाना भूल गई हो। तुरंत अपना चेहरा शीशे में देखा। ओ माय गॉड इतनी बड़ी गलती कैसे हो गई अमिता बोल उठी । आओ में लगा देती हूं दीदी नहीं कहा। अमिता ने बिंदी का पत्ता दीदी के सामने कर दिया। और दीदी ने एक लाल रंग की डिजाइनर बिंदी निकालकर अमिका के माथे पर सजा दी। अच्छी लग रही है मेरी बहन दीदी बोली। अमिता ने अपना सिर शर्म से झुका लिया। औरत के गेट अप में अमित रह रहा था लेकिन था तो वह एक आदमी ही।
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ही। फिर अमित आने पर उठाया और कोचिंग के लिए चली गई उसने लड़कियों को फाल लगाना सिखाया अच्छे तरीके से सभी लड़कियां हैं अमिता की तारीफ कर रही थी एक लड़की ने कहा मैडम जी आप तो बहुत ही अच्छे तरीके से सिखाती हैं आप ही हमेशा सिखाती रहिये हमें। बोली नहीं बेटियों मैं हमेशा नहीं सिखा सकती जब तक दीदी नहीं आती है तभी तक मैं यहां रहूंगी मुझे और भी काम है। एक लड़की बोली मैडम जी आपके बच्चे भी हैं बच्चों को भी देखना पड़ता होगा आपको। अमिता बोली हां मेरे एक बेटा और एक बेटी है बेटी बहुत ही शैतान है मैं घर के काम करके फिर यहां आती हूं। एक लड़की ने पूछा मैडम जी आपके पति क्या करते हैं। इस सवाल पर थोड़ा सक पका गई पर खुद को संभालते हुए बोली। वह तो प्राइवेट जॉब करते हैं।
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इसी तरह हमेशा लड़कियों से बात करती रही बाद में समय पर कुछ बंद की और बम घर की ओर लौट पड़ी। अभी वह कुछ दूर ही पहुंची थी कि दीदी ने फोन किया बाहर निकल चुकी हो कोचिंग से अमिता। हां दीदी अभी अभी निकली हूं अमिता ने कहा। दीदी बोली मैं आज बाजार नहीं जा पाऊंगी कमजोरी लग रही है तुम आते समय सब्जी ले लेना मोड़ से। ओके दीदी ले लूंगी सच्ची अनीता ने कहा। अमिता सब्जी वाली दुकान पर रुक कर सब्जी लेने लगी। क्या लोगी मैडम जी अमिता ने कहा। 1 किलो आलू दे दो भैया। बैगन कैसे दिए। सब्जी वाला बोला मैडम जी गोल वाले बैगन लेने हैं या लंबे वाले। अमिता को गुस्सा आ गया भैया जरा समझ कर बोला करो। यह गोल वाले ही दे दो अमिता ने आधा किलो बैंगन और टमाटर लिएIवही साथ में एक और औरत सब्जी खरीद रही थी वह भी अमिता के साथ चली। रास्ते में दोनों बातें करने लगी us औरत ने कहा देखा बहन यह दुकान वाला बैगन के नाम पर कैसे आपके द्विअर्थी बात कर रहा था। बहन कर रहा था पर हम औरतों को ऐसा झेलना पड़ता है क्या करूं। फिर अमिता घर आ गई दीदी बैठी थी। हल्की गर्मी होने के कारण अमिताभ की मांग का सिंदूर वह कर उसके माथे पर आ गया था। दीदी ने कहा थोड़ा मुंह धो लो अमिता। अमिता गई बाथरूम में और फ्रेश होकर चली आई। अपने कपड़े चेंज कर लिए अब वह मैक्सी पहने हुए थी। उसने चाय बनाई दीदी और अमिता दोनों ने चाय पी। तभी पड़ोसन आई और बोली कल मेरी बेटी की परीक्षा है सगाई है आप दोनों हमारे पड़ोसी हैं आइएगा जरूरI
दीदी ने कहा ठीक है मैं आ जाऊंगी पड़ोसन बोली आना ही नहीं है समय से पहले भी आना है आप ही लोगों को मिलकर खाना भी बनाना है आप दोनों लोग जरूर आइएगा। अमिता ने दीदी से कहा क्या क्या वहां जाना जरूरी है,, दीदी ने कहा वह हमारे मकान मालकिन की दोस्त है, रिश्तेदार है सो जाना तो पड़ेगा ही। अमिताभ बोली पर मैं वहां औरतों के बीच में क्या करूंगी। दीदी ने कहा अमिता देखो तुम भले ही खुद को अब एक लड़का मान रही हो लेकिन सभी लोग यानी कि कोचिंग की लड़कियां और यह पड़ोसन अगल बगल वाले भी तुमको एक औरत ही मान रहे हैं, कि तुम जिस तरीके से औरत की एक्टिंग कर रही हो उससे तो कोई शक ही नहीं कर सकता कि तुम एक औरत नहीं हो, मतलब कि मुझे फंक्शन में जाना पड़ेगा अमिता ने गहरी सांस लेते हुए कहा…………………..
continue in next part…….
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